जयपुर. प्रदेश के 24 जिलों के 49 स्थानी निकायों में दोनों पार्टियों ने अपना मेयर या पालिकाध्यक्ष बनाने के दमखम लगा दिया है। गुरुवार को निकाय प्रमुख पद के लिए आवेदन की अंतिम तिथि थी। कांग्रेस की तरफ से 49 ही निकायों में प्रमुख पद के लिए प्रत्याशी उतारने का दावा किया गया। दूसरी तरफ भाजपा निकाय प्रमुख प्रत्याशी उतराने में पिछड़ती दिखी।
हालांकि दावा किया कि मकराना को छोड़कर बाकी 48 निकायों में भाजपा ने निकाय प्रमुख के प्रत्याशी उतारे हैं। लेकिन देर रात तक 25 ही सूची उपलब्ध करवाई गई। गुरुवार का दिन बाड़ेबंदी वाले निकायों के प्रत्याशियों के लिए भारी भागमभाग का रहा। बीकानेर के 38 भाजपा पार्षदों को सिरसा हरियाणा में पिछले दो दिन से बाड़ेबंदी में रखा हुआ था। वहीं पर भाजपा मेयर प्रत्याशी सुशीला कंवर राजपुरोहित को केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने समर्थन दिया तो सभी ने सहमति दे दी।
इसके बाद अचानक सुशीला को सिरसा से बीकानेर पहुंचना पड़ा और भाजपा की तरफ से नामांकन दाखिल किया। यही हाल उदयपुर और अन्य बड़े शहरों के प्रत्याशियों के रहे। बाड़ेबंदी वाले स्थानों पर रसूख, मनी और मसल पावर के कई नजारे देखने को मिले। निकाय प्रमुख के प्रत्याशी सैकड़ों लोगों को लाने-ले जाने के अरेंजमेंट से लेकर अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाते दिखे।
22 निकायों में निर्दलीयों के पास है पालिका चेयरमैन बनाने की चाबी
सभी निकायों में अध्यक्ष पद पर 26 नवंबर काे चुनाव हाेने है। ऐसे में प्रदेश के 22 निकायों में सत्ता की चाबी निर्दलीयों के पास रहेगी। दोनों पार्टियां इनकी मान मनुहार में जुटी है। प्रदेश के 24 जिलों में निकाय सदस्यों की बाड़ेबंदी हाे चुकी है। करीब एक हजार सदस्य बाड़ेबंदी में शामिल है या इसका पार्ट बने हुए है। दाेनाे ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक इस काम पर निगरानी रखे हुए है। बीजेपी - कांग्रेस ने अपने सदस्यों काे रिसोर्ट - हाेटल और घूमने - फिरने भेज दिया है। कई जगहों पर जिलों से दूर सदस्यों काे रखवाया गया है।
कई प्रदेश से बाहर होटलों में ठहराए हुए है। इनमें कई के फाेन ऑफ करवाए हुए है। बीकानेर, भरतपुर, रूपवास, उदयपुर, ब्यावर, पुष्कर, अलवर, भिवाड़ी, थानागाजी, छबड़ा, मांगराेल, राजगढ़, महवा,श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, जैसलमेर, जालाैर, भीनमाल, पिलानी, शिवगंज, टाेंक और कानाेड में निर्दलीय सदस्यों की संख्या अच्छी - खासी हाेने की वजह से अध्यक्ष की चाबी इनके हाथ में मानी जा रही है।