अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर, स्वीडन ट्रेड कमिशनर ऑफिस और एम्स दिल्ली के बीच इंडिया स्वीडन हेल्थ केयर इनोवेशन सेंटर के लिए एमओयू हुआ। मंगलवार रात दिल्ली में हुए इंडिया स्वीडन बिजनेस समिट में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वीडन के राजा एच ई कार्ल सोलहवें गुस्ताफ की मौजूदगी में एम्स जोधपुर के डायरेक्टर डॉ. संजीव मिश्रा, दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया और स्वीडन ट्रेड कमिशनर की ओर से एंडर्स विकबर्ग ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एमओयू के तहत तीनों ही एम्स जोधपुर, एम्स दिल्ली और स्वीडन मिलकर मरीजों के ट्रीटमेंट, डायग्नोसिस और सर्विस काे लेकर नए इनोवेशन पर काम करेंगे। इसमें डिमेंशिया और कम्युनिकेबल डिजीज पर जोर दिया गया है। यह एमओयू तीन साल के लिए किया है जो रिव्यू कर बढ़ाया जा सकता है।
एम्स डायरेक्टर डॉ. संजीव मिश्रा ने बताया कि एम्स शिक्षा, प्रशिक्षण, रिसर्च और मरीजों की देखभाल के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की तरह काम कर रहा है और समय-समय पर एम्स में हुई कांफ्रेंस आदि में नए इनोवेशन केंद्र बिंदू में होते हैं। स्वीडन के साथ हुआ यह एमओयू सभी के लिए सकारात्मक कदम है। एम्स के एकेडमिक डीन डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि एम्स कई सालों से मरीजों के इलाज, डायग्नोसिस और बेहतर सर्विस देने के लिए प्रतिबद्ध है। एम्स शुरुआत से ही स्टूडेंट्स और आमजन के लिए ई-प्लेटफार्म, डिजीटल प्लेटफार्म पर काम कर रहा है। इस कोलाब्रेशन का उद्देश्य हेल्थ केयर सिस्टम में वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को सामने लाना और ईको सिस्टम डवलप करना है जिससे हेल्थकेयर सेक्टर में स्टार्टअप को आगे बढ़ाया जा सके।
पब्लिक हेल्थ केयर के बाद स्वीडन से दूसरा करार
डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि ई-हेल्थ, डिजिटल हेल्थ, पब्लिक हेल्थ इनोवेशन इन बायोमेडिकल डिवाइस और बायोटेक्नोलॉजी पर फोकस रहेगा। इस बात का भी प्रयास रहेगा कि सब मिलकर कम लागत में किस तरह से आमजन के लिए उपयोगी उपकरण बना सकते हैं। दिल्ली के एम्स में भी इसका एक ऑफिस होगा लेकिन ज्यादा काम एम्स जोधपुर में होगा। स्वीडन हिमोग्लोबिन डायबिटीज मॉनिटर पर काम कर रहा है। हम जगह प्रोवाइड कराएंगे। कंज्यूमेबल्स आइटम, फर्नीचर और कुछ मशीन के लिए फंडिंग स्वीडन करेगा। इनोवेशन के लिए जो आइडिया आएगा उसे डवलप कर स्वीडन उसको हेल्थ मार्केट में लाने में भी मदद करेगा। डॉ. सिंह ने बताया कि स्वीडन से पहले पब्लिक हेल्थ केयर के लिए भी एमओयू हो चुका है।
डिमेंशिया और कम्युनिकेबल डिजीज के इलाज पर रिसर्च के लिए जोधपुर एम्स में बनेगा लाइव सेंटर फॉर इनोवेशन